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गया कॉलेज बना ठिकेदारी का अड्डा

*प्रेस विज्ञप्ति*

*गया कॉलेज बना ठिकेदारी का अड्डा, शैक्षणिक वातावरण पुरी तरह समाप्त हो रहा* – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गया कॉलेज इकाई द्वारा गया कॉलेज गया में आए केंद्रीय मंत्री श्री जीतनराम मांझी जी व मगध विश्वविद्यालय के कुलपति श्री शशि प्रताप शाही जी के समक्ष छात्रहित एवं महाविद्यालय हित की कई महत्वपूर्ण मांगों को रखा गया.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि गया कॉलेज में शैक्षणिक व्यवस्था दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है छात्र छात्राओं को उनके मुलभुत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है.

गया कॉलेज के कॉलेज अध्यक्ष हर्ष कुमार ने कहा कि गया महाविद्यालय में छात्रों से ज्यादा अब ठीकेदार दिखने लगे हैं, गया कॉलेज में छात्रों के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है. छात्र छात्राओं के लिए पुस्तकालय में नई शिक्षा नीति के अनुरूप पुस्तक नहीं है लैब में प्रैक्टिकल करने के लिए सामग्री नहीं है. लेकिन जो कार्य एक साल पूर्व सम्पन्न हुआ है उसे पुन: ख़राब बता कर कराया जाता है जो लुट को दर्शाता हैं. आज कई विभागों में अच्छे लकड़ी की खिड़की और गेट को कबाड़ कर प्लाई और अनमुनिया का लगाया जा रहा है. गया कॉलेज में जितने भी काम चल रहे हैं वो गुणवत्ता विहीन हैं जिसकी जाँच की माँग हम लोगों ने केंद्रीय मंत्री व कुलपति महोदय से की है.

वहीं महानगर मंत्री विनायक कुमार ने कहा कि गया कॉलेज की ऐसी दुर्दशा कभी देखने को नहीं मिली थी. गया कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य ने वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्स की शिक्षा को चौपट करने का काम किए हैं. पीजी कि पढ़ाई को सेल्फ फ़ाइनेंस बता कर छात्रों से पैसे कि वसूली की गई है, पीजी के ना शिक्षक हैं ना ही पुस्तक ना लैब हैं. वर्तमान प्राचार्य ने जिस प्रकार पुर्व के कॉलेज में छात्रों के पैसे का दुरुपयोग किए उसी प्रकार गया कॉलेज के छात्रों के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. गया कॉलेज में बस ठेकेदार और ठिकेदारी ही चल रहा है. प्राचार्य कार्यक्रम और प्रशासनीक भवन में छात्रों से अधिक वही दिखते हैं, आज जो भी छात्र छात्राओ एवं गया महाविद्यालय का दुर्दशा है उसके ज़िम्मेदार कुलपति भी है क्योंकि गया कॉलेज के प्राचार्य कुलपति का मित्र बता सारे नियम के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं. गया कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य के कार्यकाल की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए नहीं तो एबीवीपी आंदोलन करेगी.

वहीं गया महाविद्यालय के उपाध्यक्ष मुस्कान सिन्हा ने कहा कि छात्रा सुरक्षा के नाम पर कैंपस शून्य है, लाखों रूपए खर्च कर छात्र नामांकन लेते हैं पर कैंपस सलेक्शन के नाम पर शून्य है. छात्रावास कि घोर कमी है पीने की पानी व शौचालय की कमी है. एजुकेशन टूर के नाम पर लुट मचा हुआ हैं! अगर जल्द से जल्द प्राचार्य के लूट के खेल को रोका नहीं जाता है तो गया महाविद्यालय के छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा और छात्रों के पैसे का दुरुपयोग होता रहेगा. प्राचार्य पर कार्रवाई होनी चाहिए.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने निम्न माँग मंत्री और कुलपति से की.

1. ठेकेदारी कार्यों की जाँच:
वर्तमान में कॉलेज परिसर में चल रहे सभी ठेकेदारी कार्यों में गड़बड़ियों की आशंका है। अतः सभी कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य पारदर्शी और नियमों के अनुरूप हो।

2. वर्तमान प्राचार्य के कार्यकाल का ऑडिट:
वर्तमान प्राचार्य के कार्यकाल में हुए सभी कार्यों, प्रशासनिक निर्णयों और वित्तीय लेन-देन का ऑडिट उच्च स्तरीय समिति द्वारा कराया जाए। यह आवश्यक है कि यह ऑडिट पारदर्शिता सुनिश्चित करे और यह पता लगाए कि प्राचार्य ने अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन किया है या नहीं।

3. पुस्तकों में लगाई गई चिप की जाँच:
गया कॉलेज के पुस्तकालय में पुस्तकों में लगाई गई चिप की उपयोगिता और इसकी आवश्यकता पर सवाल उठ रहे हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि इस चिप को लगाने का निर्णय किन मानकों के आधार पर लिया गया और इससे छात्रों एवं शिक्षकों को क्या वास्तविक लाभ मिल रहा है। इसके अतिरिक्त, इस प्रक्रिया में हुए वित्तीय लेन-देन और पारदर्शिता की भी गहन जाँच आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह कदम उचित और व्यावहारिक था।

4. वोकेशनल एवं प्रोफेशनल कोर्स की गुणवत्ता और भ्रष्टाचार की जाँच:
कॉलेज में चल रहे वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्सों की गुणवत्ता अत्यंत निम्न स्तर की है। शिक्षकों की अयोग्यता और अप्रशिक्षित होने के कारण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। बिना शोध किए हुए शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे हैं। साथ ही साथ यहां वोकेशनल कोर्स में प्रभारी भी अस्थाई शिक्षकों को बनाया गया है।इसके अतिरिक्त, इन कोर्सों के लिए आवंटित धन का उपयोग सही तरीके से नहीं हो रहा है। फंड के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आई हैं। इन सभी मामलों की विस्तृत जाँच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

5.वोकेशनल कोर्सों में एजुकेशनल टूर के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। जिसके संदर्भ जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांग की गई थी, किंतु प्राचार्य द्वारा जवाब अभी तक नहीं दिया गया है। यह जांच कराया जाए कि वर्तमान प्राचार्य के कार्यकाल में कितने टूर आयोजित किए गए, कौन-कौन से शैक्षिक स्थलों पर गए, कितनी राशि खर्च हुई और इन्हें ले जाने वाले सरकारी व गैर-सरकारी शिक्षक कौन थे।

6. सुधार कार्य हेतु आग्रह:

A. छात्र-छात्राओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए छात्रावासों का निर्माण और विकास कार्य कराया जाए।

B. सभी विभागों के कक्षाओं को स्मार्ट क्लास रूम में परिवर्तित किया जाए।

C. छात्र-छात्राओं के खेलने हेतु खेल मैदान का निर्माण कराया जाए।

D. छात्रों, शिक्षकों, और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया जाए।

E. वोकेशनल कोर्सों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने हेतु कठोर कदम उठाए जाएँ।

F. पीजी में शिक्षकों की भारी कमी को दूर करने हेतु कठोर कदम उठाए जाएँ और प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाए।

G. रोजगार उन्मुख कोर्स की पढ़ाई प्रारंभ की जाए।

H. प्लेसमेंट सेल एवं महिला सुरक्षा सेल का गठन किया जाए।

I. वोकेशनल एवं प्रोफेशनल कोर्स में बढ़ाए गए नामांकन शुल्क को वापस लिया जाए।

J. नियमानुसार नए बर्सर की नियुक्ति की जाए।

K. गया कॉलेज में एसी/एसटी और सभी वर्गों की छात्राओं को दी जा रही निःशुल्क शिक्षा के लिए आवंटित राशि शीघ्र कॉलेज प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए, ताकि छात्र-छात्राओं को अनावश्यक परेशानी न हो।
L. गया कॉलेज गया में स्पेशल (महिला एवं पुरुष ) स्पोर्ट्स इंचार्ज की नियुक्ति की जाए।

M. गया महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत पुस्तकालय में पुस्तकें एवं लैब में सामग्री कराया जाय.

इस मौक़े पर मौजूद रहें आदित्य ,मैक्स अवस्थी अंकित सागर राहुल सिसोदिया मुस्कान कुमारी चंदन कुमार आदि शामिल थे.

वहीं इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने बताया कि जो भी मांग विद्यार्थी परिषद द्वारा दी गई है सभी पर जल्द कार्रवाई की जाएगी. कुलपति महोदय ने भी परिषद के नेताओं को विश्वास दिलाया है कि सभी मुद्दों पर गंभीरता पूर्वक लेते हुए जांच की जाएगी.

त्रिलोकी नाथ ग़या

त्रिलोक न्यूज़ ब्यूरो

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